वक़्त कहता है फिर इक़ कहानी मुझसे,
उसकी हंसी मुस्कराहट तोतली ज़ुबानी मुझसे
हम जागें तो वो सोये, हम सोयें तो वो रोये,
मिलती है उसकी शरारत-ओ-शैतानी मुझसे
ये आँखें तेरी सी वो नाक मेरी सी,
मिलने आई है अम्मा की दुआ पुरानी मुझसे
मन्नतों के रास्तों से जन्नतों के दर तक,
ख़ुश हैं ख़ुदा क़ायनात और जिंदगानी मुझसे
--
अनिरुद्ध
उसकी हंसी मुस्कराहट तोतली ज़ुबानी मुझसे
हम जागें तो वो सोये, हम सोयें तो वो रोये,
मिलती है उसकी शरारत-ओ-शैतानी मुझसे
ये आँखें तेरी सी वो नाक मेरी सी,
मिलने आई है अम्मा की दुआ पुरानी मुझसे
मन्नतों के रास्तों से जन्नतों के दर तक,
ख़ुश हैं ख़ुदा क़ायनात और जिंदगानी मुझसे
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अनिरुद्ध
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